PDF क्या होता है एवं इसका इस्‍तेमाल क्‍यों करते हैं?

 

PDF क्या होता है?

PDF का पूरा नाम "Portable Document Format" है। यह एक ऐसा फ़ॉर्मेट होता है जिसका उपयोग दस्तावेज़ (Documents) को इलेक्ट्रॉनिक रूप से साझा (Share) करने के लिए किया जाता है। PDF फाइल में टेक्स्ट, इमेज, लिंक, और ग्राफिक्स को सुरक्षित तरीके से रखा जा सकता है, जिससे इसकी फॉर्मेटिंग (formatting) बदलती नहीं है — चाहे आप इसे किसी भी डिवाइस या सॉफ़्टवेयर में खोलें।

PDF फाइल को Adobe कंपनी ने बनाया था और आज यह बहुत ही लोकप्रिय और उपयोगी फ़ॉर्मेट बन चुका है, खासकर ई-बुक्स, रिज़्यूमे, सरकारी दस्तावेज़, फॉर्म आदि में।

मुख्य विशेषताएं:

  • इसकी फॉर्मेटिंग नहीं बदलती।

  • इसमें पासवर्ड भी लगाया जा सकता है।

  • इसे मोबाइल, कंप्यूटर या टैबलेट किसी भी डिवाइस पर खोला जा सकता है।

  • यह पढ़ने और प्रिंट करने के लिए बहुत सुविधाजनक होता है।

PDF कई तरह से काम में लिया जाता है PDF की आवश्यकता क्यों पड़ती है बहुत सारे फाइल फॉरमेट Ms-Word, Ms-Excel, PPT, etc. के रूप में हो या फिर कोई अन्य तरह का फाइल फॉर्मॅट हो जब किसी भी तरह का डॉक्यूमेंट ये जो फाइल होता है उसको हम किसी अन्य डिवाइस के अंदर यानी एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में ट्रांसफर करते है या कंप्यूटर से मोबाइल पे ट्रांसफर करते है तो उनका जो फॉर्मॅट है वो कुछ बदल सा जाता है क्योंकि जरूरी नहीं की सभी कंप्यूटर्स के अंदर एक ही तरह का ऑपरेटिंग सिस्टम हो, ये भी जरूरी नहीं की सभी कंप्यूटर्स में एक ही तरह के Application Install किये गए हो इसलिए कही ना कही फाइल का जो फॉर्मॅट है वो चेंज हो जाता है उसका Layout चेंज हो जाता है तो काफी तरह की प्रॉब्लमस देखने को मीलती है, मान लीजिए आप अपने पर्सनल कंप्यूटर में कोई डॉक्यूमेंट तैयार किये और उस डॉक्‍यूमेंट को भले ही अपने ईमेल के जरिए भेजी हो या इसे अपने ब्लूटूथ के जरिये या पेन ड्राइव के जरिए आपने ट्रांसफर की हो या आपने वो फाइल किसी अन्य मोबाइल के ऊपर सेंड की हो तो जरूरी नहीं की जीस कंप्यूटर में फाइल भेज रहे हो वहाँ पर सेम ऑपरेटिंग सिस्टम मिले । आप विंडोज (Windows) काम में लेते हो लेकिन सामने वाला कंप्यूटर लाइनक्स (Linux) का इस्तेमाल करता हो या यूनिक्स (Unix) का इस्तेमाल करता हो । इसलिए जब भी आप किसी भी फाइल को किसी अन्य कंप्यूटर या मोबाइल के अंदर ट्रांसफर करते हैं तो उसका File Format चेंज (Change) हो जाता है, उसके फॉर्म्स चेंज हो जाते हैं उसका Layout चेंज (Change) हो जाता है तो बहुत सारी प्रोब्लम्स का सामना करना पड्ता है । 1990 के दशक में PDF File Format को डेवलप (Developed) किया गया है यानी एक ऐसा फाइल फॉर्मॅट जो यूनिवर्सल हो जो पोरटेबल हो किसी भी तरह के डिवाइस में किसी भी तरह के ऑपरेटिंग सिस्टम के अंदर जीसको रीड किया जा सके यानी पीडीएफ़ फाइल एक ऐसा फाइल फॉर्मॅट है जीसको आप किसी भी तरह की कंप्यूटर के अंदर देख सकते है किसी भी तरह के कंप्यूटर में किसी भी तरह के मोबाइल के अंदर रीड कर सकते हैं चाहे उसका ऑपरेटिंग सिस्टम कोई भी हो चाहे विंडोज पे आधारित हो जाए Android Based हो चाहे Windows Based हो या कोई भी ऑपरेटिंग सिस्टम हो किसी भी तरह की ऑपरेटिंग सिस्‍टम हो सभी में उसे पढ़ा जा सहता है । 

तो आइए अब जानते हैं इसके बेनिफिटस के बारेमें क्या इसके फायदे सबसे पहला फायदा जैसा की मैने बताया पी डी ऐफ़ फाइल फॉरमेट को किसी भी कंप्यूटर में किसी भी मोबाइल के अंदर और किसी भी ऑपरेटिंग सिस्टम के अंदर रीड किया जा सकता है । 

पीडीएफ़ को किसी भी कंप्यूटर में किसी भी मोबाइल के अंदर और किसी भी ऑपरेटिंग सिस्टम के अंदर रीड किया जा सकता है और इसकी सबसे बड़ी खास बात है कि इसमें कंटेंट में कोई भी चेंज नहीं होता कोई भी टैक्स्ट फॉरमेटिंग का चेंज नहीं होता लेआउट में किसी भी तरह का चेंज नहीं होता । इसका दूसरा सबसे बड़ा फायदा है पी डी ऐफ़ फाइल में बहुत सारे प्रेजेंटेशन को बहुत सारे डॉक्यूमेंट्स को बहुत सारे टैक्स को ग्राफिक्स और इमेजेस को  as it is रखा जा सकता है कंबाइन फॉरर्म में । तीसरा सबसे बड़ा फायदा पीडीएफ़ क्रियेट करना बहुत आसान होता है उसको यूज़ करना बहुत आसान होता है इसका कंटिन्यू रीड करना बहुत आसान होता है यानी कोई भी आसानी के साथ पीडीएफ़ को रीड कर सकता है चौथा सबसे बड़ा फायदा पीडीएफ़ फाइल्स सिक्योर होती है आप पासवर्ड लगा करके और ज्‍यादा सुरक्षित कर सकते हैं इसके अलावा किसी भी तरह का वाटर मार्क (Water Mark) और डिजिटल सिग्‍नेचर (Digital Signature) भी आप काम में ले सकते हैं इसके अलावा वीडियो फाइल फॉरमेट को कम साइज की फाइल के अंदर Compressed किया जा सकता है और Compress करने के बावजूद पी डी ऐफ़ के अंदर जो इमेजस या जो भी Graphics काम में लिया गया है उनकी क्वालिटी मेंटेन (Quality Maintain) रहती हैं इसके अलावा पी डी ऐफ़ फाइल में टेक्स्ट और इमेजेस के साथ में हाइपरलिंक्स (Hyperlink) को भी मेंटेन (Maintain) किया जा सकता है पी डी ऐफ़ File को रीड (Read) करने के लिए आपको सिंपल (Simple) से और किसी भी प्रकार की पीडीएफ़ फाइल रीडर की आवश्यकता होती है जो की अडॉप्ट सिस्टम्स के द्वारा भी प्रोवाइड करवाई जाता है और थर्ड पार्टी वेंडर्स के द्वारा भी प्रोवाइड करवाए जाते हैं और आजकल आप क्रोम के अंदर भी Open कर सकते हैं और यदि आप माइक्रोसॉफ्ट यूज़ करते हैं तो माइक्रोसॉफ्ट के इस ब्राउज़र के अंदर भी पीडीएफ़ को ओपेन किया जा सकता है और Read किया जा सकता है और मोबाइल के ऊपर भी आप आसानी से Read कर सकते हैं ।

गूगल के द्वारा भी पी डी ऐफ़ थ्राइडर सॉफ्टवेयर अलग से दिया जाता है इसके अलावा आप अडोब अक्रोमेंट डीसी सॉफ्टवेयर को भी काम में ले सकते हैं पी डी ऐफ़ फाईल काे रीड कर सकते हैं । तो ये थे कुछ फायदे जो पी डी ऐफ़ फाइल फॉरमेट से हमें देखने को मिलते हैं बाकी पी डी ऐफ़ डेवलप करने का मूल उद्देश्य था पी डी ऐफ़ के अंदर जो कंटेन्‍ट हैं उसको सुरक्षित किया जाए उसको सिक्योर किया जाए और उसका Layout चेंज नहीं हो चाहे वो किसी भी ऑपरेटिंग सिस्टम में या किसी भी डिवाइस के ऊपर रीड की जाय । 

मूल रूप से पीडीएफ़ फाइल तीन प्रकार की होती है

1. डिजिटली क्रियेटेड फाइल्स (Digital Created File) जैसे कि आपने कोई डॉक्यूमेंट तैयार किया कोई वर्ड फाइल आपने रेडी की अपने कंप्यूटर केन्द्रीय मोबाइल के अंदर या फिर आपने कोई एक्सेल शीट तैयार की और आप उस फाइल को सेव एस पी डी एम (Save as PDF) के रूप में सेव (Save) कर देते हैं या फिर प्रिंट फीचर को काम में लेते हुए प्रिंट एस पी डी ऐफ़ (Print as PDF) के रूप में उसको सेव कर देते हैं तो वो डिजिटली क्रियेटेड पि डी एफ़ फाइल (Digital Created PDF File) होती हैं । ऐसे फाइल्स को आसानी से अपडेट (Update) भी किया जा सकता हैं और इनके अंदर जो टैक्स होते हैं जो शब्द होते हैं उनको आराम से सर्च भी किया जा सकता है ।

2. जो पी डी ऐफ़ का टाइप होता है वो होता है इमेज ओनली (Image Only) या स्कैंड पीडीएफ़ (Scan PDF) जब किसी भी डॉक्यूमेंट के हार्ड कॉपी को किसी भी स्कैनर (Scanner) में स्कैन (Scan) किया जाता है । किसी इमेज फाइल फॉरवर्ड में या फिर मोबाइल कैमरे से आपने कोई इमेज खींची है आपने कोई फोटो क्लिक की है और उसको आप पी डी ऐफ़ के रूप में सेव करते हैं तो उसमें लिखा गया कोई भी डाटा को अपडेट नहीं किया जा सकता है एवं वहाँ पर किसी भी तरह के टैक्स को या शब्दों को सर्च भी नहीं किया जा सकता है । 

3. तीसरी तरह की पीडीएफ़ फाइल्स होती है सरचेबल पी डी ऐफ़ फाइल्स (Searchable PDF File) ऐसे पी डी ऐफ़ फाइल्स जो इमेज के रूप में होती है लेकिन वहाँ पर टैक्स को सर्च किया जा सकता है क्योंकि उनको OCR एप्लीकेशन के द्वारा स्कैन करके क्रियेट (Create) किया जाता है । OCR का पूर्ण रूप होता है Optical Character Recognition. ऑप्टिकल कैरेक्टर रेकग्निशियल इस ऐप्लिकेशॅन की सहायता से डॉक्यूमेंट के टेक्स्ट को रीड करके और एक एक्स्ट्रा लेयर इमेज के साथ में अटैच कर दिया जाता है जिससे की पी डी ऐफ़ फाइल फॉर्मॅट इमेज के रूप में होने के बावजूद भी आप वहाँ पर टेक्स्ट को और शब्दों को सर्च कर सकते है ।

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